Schema, Instance, Meta Data, Data Dictionary

1. Schema :- 
    Overall design of data base is called data base schema. it shows structure of data base in formal language, which is supported by DBMS and provided it to the organization/company as blue print. data base schema is stored in form of meta data in data dictionary and here we can apply business rules in organization/company over data base objects. schema shows that How we can create data base for storing data? How we can create data base objects? like tables , views etc. 
    डाटा बेस के सम्पूर्ण डिज़ाइन को डाटा बेस स्कीमा कहा जाता है। यह फॉर्मल लैंग्वेज में डाटा बेस का ढांचा होता है जो DBMS द्वारा प्रयुक्त किया जाता है एवं ब्लू प्रिंट के रूप में आर्गेनाइजेशन/ कंपनी को प्रदान किया जाता है। डाटा बेस स्कीमा को मेटा डाटा के रूप में डाटा डिक्शनरी में रखा जाता है, यहां हम डाटा बेस ऑब्जेक्ट्स पर आर्गेनाइजेशन/ कंपनी के नियम भी लागु कर सकते है।  स्कीमा यह दर्शाती है कि डाटा स्टोर करने के लिए डाटा बेस कैसे तैयार होगा ?, हम डाटा बेस ऑब्जेक्ट्स कैसे तैयार करेंगे? जैसे टेबल , व्यू इत्यादि।         

EXAMPLE:-
create table student (rollno number (8,0) PRIMARY KEY, name varchar(20), fees  number(7,2), marks  number(3,0) , address  varchar(30), mob_no  varchar(13), check  mob_no.  like  '+91%' , check fess >=1000);

student
 


 Rollno  Name 
Fees

 
Marks 

Address   MobNo   
      












2. Instance :- 
    In DBMS, Insertion, deletion and updation operations etc are performed on tables of data base and records of data base are manipulated with time. Thus, "At a special moment number of records presented in data base are called instance of data base." At a time two records are present in following student's tables which will be manipulated soon.
    DBMS में समय के साथ-साथ डाटा बेस की टेबल्स पर इंसर्शन,डिलीशन,अपडेशन ऑपरेशन होते रहते है एवं डाटा बेस के रिकार्ड्स परिवर्तित होते रहते है। अतः "किसी विशेष क्षण डाटा बेस में उपस्थित रिकार्ड्स की कुल संख्या इंस्टांस कहलाती है।" निम्न स्टूडेंट टेबल में वर्तमान में 2 रिकॉर्ड उपस्थित है जिसमे निकट भविष्य में परिवर्तन होगा।       

EXAMPLE:-
insert into student values(1001,"Anil",3000.00,385,"Barwani","+919876543212");
insert into student values(5005,"Sapna",5500.00,421,"Anjad"," +919999988888");

student
Rollno  Name 
Fees

 
Marks

Address MobNo 
 1001 
Anil


 
3000.00


 
385


 
Barwani


 +919876543212
 
5005



 
Sapna



 
5500.00


 
421


 
Anjad


 +919999988888
    


  


3. Meta data:- 
    Meta data refers "data about data" It means this data represents important characteristics and advantages of another data like defines data structure of data base and rules applied on data. 
Example:- In a text document (book) number opages, author name, summary, volume, publisher name, address, price etc. information are meta data. In DBMS, meta data is stored on a special space, which is known as data dictionary.
    मेटा डाटा को "डाटा के बारे में डाटा " कहा जाता है अर्थात यह डाटा किसी अन्य डाटा के महत्वपूर्ण चारित्रिक गुणों एवं विशेषताओं को दर्शाता है जैसे डाटा बेस में डाटा का स्ट्रक्चर एवं डाटा पर लागु किये गए नियम इत्यादि। 
उदाहरण- टेक्स्ट डॉक्यूमेंट(किताब) में पेज की संख्या, लेखक का नाम, सारांश,  संस्करण, प्रकाशक का नाम, पता, कीमत इत्यादि जानकारी मेटा डाटा कहलाती है। DBMS में मेटा डाटा को विशेष स्थान पर रखा जाता है जिसे डाटा डिक्शनरी कहा जाता है।                  

4. Data dictionary:- 
    Data dictionary is a collection of meta data. It is also known as meta data registry or meta data repository. Data dictionary is accessed by DBA only. Data dictionary was introduced by IBM company. 

Data dictionary is used by software modules of DBMS like- DDL interpreter, DML compiler, Query optimizer, transaction processor, report generator etc and it is called active data dictionary. If data dictionary is used by designers, administrators and users except software modules of DBMS then it is called passive data dictionary.
डाटा डिक्शनरी, मेटा डाटा का संग्रह होती है। इसे मेटा डाटा रजिस्ट्री या मेटा डाटा रिपोसिट्री के नाम से भी जाना जाता है। डाटा डिक्शनरी को केवल DBA द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। डाटा डिक्शनरी को सर्वप्रथम IBM कंपनी द्वारा प्रतिपादित किया गया था। 
डाटा डिक्शनरी का प्रयोग DBMS के सभी सॉफ्टवेयर मॉडुल जैसे DDL इंटरप्रेटर, DML कम्पाइलर, क्वेरी ऑप्टिमिज़र, ट्रांसक्शन प्रोसेसर, रिपोर्ट जनरेटर इत्यादि द्वारा किया जाता है एवं इसे एक्टिव डाटा डिक्शनरी कहा जाता है। यदि डाटा डिक्शनरी का प्रयोग DBMS सॉफ्टवेयर मॉडुल के स्थान पर डिज़ाइनर, एडमिनिस्ट्रेटर एवं यूजर द्वारा किया जाता है तब इसे पैसिव डाटा डिक्शनरी कहा जाता हैं।                           

Following  important information are stored in data dictionary.
डाटा डिक्शनरी में निम्न महत्वपूर्ण जानकारी रखी जाती है- 
1. View, logical schema (tables, indices, views etc.) and physical schema (storage structure and accessing methods).  
व्यू , लॉजिकल एवं फिजिकल स्कीमा।   
2. Integrity constraints, check constraints and business rules of organization/company.
इंटीग्रिटी कन्सट्रैन्ट, चेक कन्सट्रैन्ट एवं आर्गेनाईजेशन/ कंपनी के बिज़नेस रूल्स।  
3. User name, password, roles, privileges of different users.
विभिन्न यूजर के यूजर नेम, पासवर्ड , रोल्स , प्रिविलेजेस।     
4. Authorization and authentication mechanism for data base users.
विभिन्न यूजर के लिए ऑथोराइजेशन एवं ऑथेन्टिकेशन मैकेनिज्म।  
5. Backup and recovery mechanism for data base etc.
डाटा बेस के लिए बैकअप एवं रिकवरी मैकेनिज्म। 

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